कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि अधिकारियो ने अभियान में मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन एवं प्राकृतिक खेती के बारे में दी जानकारी....
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बंशीलाल धाकड़ राजपुरा
Updated : June 05, 2025 07:49 PM

चित्तौड़गढ़ :- कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा खेती को विकसित बनाने एवं आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के लिए चलाए जा रहे विकसित कृषि संकल्प अभियान में आज दिनांक 05.06.2025 को राशमी पंचायत समिति के भीमगढ़, राशमी एवं हरनाथपुरा गावं में आयोजित किया गया, जिसमें 538 किसानो एवं जनप्रनिधियो ने भाग लिया। कार्यकम कृषि विज्ञान केन्द्र एवं कृषि विभाग के संयुक्त तत्वाधान में सम्पन्न हुआ। कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. रतन लाल सोलंकी ने बताया कि डॉ. आर.एस. मीणा, वरिष्ठ वैज्ञानिक, भारत सरकार (एन.बी.एस.एस.), उदयपुर, श्री दिनेश जागा, संयुक्त निदेशक, कृषि विस्तार, डॉ. एस.एल. जाट, उप निदेशक उद्यान, श्री प्रेमचंद वर्मा, परियोजना निदेशक आत्मा, श्री भगवान सिंह कुम्पावत, सहायक निदेशक, कृषि विभाग, कपासन, सहायक कृषि अधिकारी, श्री नारायण लाल जाट, कृषि पर्यवेक्षक भीमगढ़, श्री मुकेश कच्छावा, कृषि पर्यवेक्षक राशमी, श्रीमती रेखा जाटोलिया, कृषि पर्यवेक्षक, हरनाथपुरा, श्री खुशीराम कुमावत, कृषि पर्यवेक्षक लसाड़िया कला, श्री गणेश जी पूर्बिया, सरपंच भीमगढ़ एवं केन्द्र के श्री संजय कुमार धाकड़, तकनीकी सहायक, श्री शंकर लाल नाई, सहायक कृषि अधिकारी (सेवानिवृत) ने अभियान के जिले के राशमी पंचायत समिति के भीमगढ़, राशमी एवं हरनाथपुरा गांवो में किसानो के साथ शिविर का आयोजन कर संवाद किया। डॉ. सोलंकी ने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले में खरीफ के मौसम की फसलो में किसानो की समस्याएं और आवश्यकता अनुरूप वैज्ञानिक सलाह पहुंचाने में यह अभियान चलाया जा रहा है। गांव गांव और विभिन्न भौगोलिक विशेषता वाले जिले में मूंगफली, सोयाबीन, उड़द, मक्का, ज्वार फसलो के उन्नत बीजो की उपलब्धता, किस्मों के प्रकार, फसलो में पहले से रोगो के प्रबंधन, खरपतवार नियंत्रण जैसे विभिन्न विषयो पर किसानो की समस्या का समाधान किया गया। डॉ. आर.एस. मीणा, वरिष्ठ वैज्ञानिक, भारत सरकार (एन.बी.एस.एस.), उदयपुर, कहा कि वैज्ञानिको द्वारा किसानो को फसलो के रोगो पर अनावश्यक दवाईयो के खर्च को रोकने में सक्षम जैविक उपचारो एवं प्रबंधन तकनीको पर विस्तार से चर्चा की गई। श्री दिनेश जागा, संयुक्त निदेशक, कृषि विस्तार, ने किसानो को खरीफ फसलो की उन्नत तकनीक, प्राकृतिक ओर जैविक खेती, ड्रोन तकनीक, बुवाई से पहले की तैयारी, पशुपालन कृषक उत्पादक संगठन, मृदा स्वास्थ्य कार्ड आर सरकारी योजनाओ की जानकारी दी। डॉ. एस.एल. जाट, उप निदेशक उद्यान ने कृषि यंत्रो पर उपलब्ध अनुदानो, फार्म पोण्ड, सोलर, पाइपलाईन, तारबंदी व बागवानी की फसलो में किसानो को दी जाने वाली सुविधाओ पर विस्तार से जानकारी दी गई। श्री प्रेमचंद वर्मा, परियोजना निदेशक आत्मा, खरीफ फसलो की उन्नत उत्पादन तकनीकी एवं आत्मा द्वारा किसानो की दिये जाने वाले अनुदान एवं पुरूस्कारो के बारे में जानकारी दी। श्री मुकेश आमेटा, क्षेत्रीय प्रबन्धक, इफको ने किसानो को नैनो यूरिया एवं नैनो डी.ए.पी. के उपयोग के बारे में विस्तार से बताया।