मनुष्य धन कमाने की मशीन नहीं बने आत्म शांति के लिए भी समय निकाले- श्रीपाद धीर गौर प्रभु ने अमृत प्रवचन में कहा....
धार्मिक

अर्जुन जयसवाल नीमच
Updated : June 22, 2025 10:24 PM

नीमच । रोटरी क्लब नीमच के तत्वाधान में पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए 20 जून शाम 5 बजे सब्जी मंडी परिसर में कपड़ों की थैली का निःशुल्क वितरण किया गया। रोटरी क्लब के अध्यक्ष शरद जैन सचिव यजुवेंद्र सिंह भाटिया ने बताया कि कार्यक्रम की श्रृंखला में रोटरी सामुदायिक भवन पर रोटरी क्लब के सेवा प्रकल्प अभियान के अंतर्गत शाम 7:30 बजे मुख्य अतिथि एस्कॉन उज्जैन के को. अध्यक्ष श्रीपाद धीर गौर प्रभु द्वारा कार्य जीवन संतुलन, स्वयं की देखभाल एवं भक्ति योग विषय पर अमृत प्रवचन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है वह अपनी पारिवारिक सामाजिक इच्छा पूर्ति करने के लिए आधुनिक युग में धन कमाने की मशीन बनकर रह गया है लेकिन स्वस्थ जीवन जीने के लिए मनुष्य को आत्म शांति भी आवश्यक है जिसे संसार के लोगों ने भुला दिया है। संसार के लोग सिर्फ धन कमाने में ही कुछ भी करने को तत्पर है लेकिन संसार के लोगों का लक्ष्य सिर्फ धन कमाना ही रह गया है जो कि अनुचित है। मनुष्य को यदि परिवार में शांति रखना है तो परिवार को भी समय देना आवश्यक है। आपसी सद्भाव प्रेम के अभाव में ही बच्चे संस्कारों से दूर हो रहे हैं और संस्कारों के दूर होने के कारण ही प्रतिदिन समाचार पत्रों में नई-नई आत्महत्या, हत्या की घटनाएं सामने आ रही है। संस्कारों की सुरक्षा के बिना विकसित समाज की परिकल्पना नहीं हो सकती है। मनुष्य व्यापार में इतना व्यस्त हो गया है कि वह आत्म शांति और कल्याण व भगवान की भक्ति तपस्या के लिए भी समय नहीं निकल पा रहा है चिंतन का विषय है। संयुक्त परिवारों में कब बच्चा बड़ा हो जाता और संस्कारित होकर अपनी जिम्मेदारी संभाल लेता पता नहीं चलता था लेकिन आधुनिक युग में एकल परिवार होने से बच्चे को संस्कार नहीं मिल पा रहे हैं इसी कारण समाज में दुर्घटनाएं सामने आ रही है। आज से 25 साल पहले 20--25 परिवार एक गुवाड़ी में एक साथ रहते थे। बच्चे खेल-खेल में संस्कारों का आदान-प्रदान करते थे लेकिन आज मल्टी में रहने के कारण बच्चों में संस्कारों की कमी होती जा रही है चिंतन का विषय है। सफलता के लिए मनुष्य कठिन परिश्रम कर बहुत मूल्य चूका रहा है। मनुष्य को स्वयं के स्वास्थ्य उपचार के लिए भी समय नहीं है। 45 साल पहले भारत देश में राजा हरिश्चंद्र ,भरत मिलाप ,रामायण, महाभारत आदि पर फ़िल्में और धारावाहिक का निर्माण होता था जिससे समाज में मर्यादा और संस्कार सीखने को मिलते थे लेकिन समय परिवर्तित हो रहा है और फ़िल्में निजी जिंदगी में वह सब कुछ दिखा रही है जिसे समाज और परिवार एक साथ बैठकर नहीं देख सकते है इसमें सुधार लाना आवश्यक है नहीं तो समाज अपनी दिशा से विहीन होकर भटक जाएगा। फिल्मों में अभद्रता के कारण ही समाज में विकृतियां सामने आ रही है। संस्कारों के अभाव के कारण ही रेमंड ग्रुप के मालिक विजय सिंघानिया को उनके अपने पुत्र गौतम सिंघानिया ने अपने बिजनेस और घर से दूर कर दिया था। आधुनिक युग में धन कमाने के साथ-साथ बच्चों को संस्कार सीखना भी आवश्यक है। बच्चों को शक्तिशाली बनाना है तो जंक व फ़ास्ट फूड से बचाना होगा। आधुनिक भोजन शैली में सूर्य की रोशनी से विटामिन ग्रहण करना भी आवश्यक है। युवा वर्ग यूट्यूब स्टार बनने के शॉर्टकट तरीके ढूंढ रहा है जो कि सर्वथा अनुचित है। मोबाइल पर वीडियो गेम एक घातक रोग का रूप ले रहा है इससे कई बच्चे मौत का शिकार भी हो रहे हैं ।हमें बच्चों को मोबाइल से दूर करना होगा। उन्हें धरातल पर आधारभूत संस्कारों की शिक्षा भी सीखना होगी। आत्मा की शांति के लिए किसी भी स्कूल में किसी भी पाठ्यक्रम में प्रशिक्षण प्रदान नहीं किया जा रहा है चिंतन का विषय है इसीलिए मनुष्य तनाव की ओर आगे बढ़ रहा है चिंतन का विषय है।इस अवसर पर इस्कॉन केंद्र नीमच के माताजी डॉक्टर निरुपा झा , वरुण झा पीके यादव, अर्पित खुंतवाल, जंयत सिंह चौहान ,डॉक्टर अतुल पाटीदार, रघुनंदन प्रसाद, रोटरी क्लब नीमच के अध्यक्ष शरद जैन, सहित बड़ी संख्या में रोटरी क्लब के सदस्य एवं नगर के व्यापारी एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी एवं वरिष्ठ नागरिक उपस्थित थे। धर्म सभा का संचालन प्रवीण शर्मा ने किया तथा आभार यजुवेंद्र सिंह भाटिया ने व्यक्त किया।