पुलिस कार्यवाही के नाम पर महिला से 1,52,000रू. की ठगी करने वाले आरोपी को 01 वर्ष का सश्रम कारावास...
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DESK NEWS
Updated : June 23, 2025 01:06 PM

जावद। श्रीमती शुभा रिछारिया दीक्षित, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, जावद द्वारा पुलिस कार्यवाही कराये जाने के नाम पर महिला से 1,52,000रू की ठगी करने वाले आरोपी श्यामसिंह पिता परथेसिंह राजपूत, उम्र 53 वर्ष, ग्राम-चीताखेड़ा, जिला-नीमच को धारा 420 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 01 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000 रूपये का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले एडीपीओं श्री योगेश कुमार तिवारी द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 31 जनवरी 2024 को फरियादिया शिमला ने थाना रतनगढ़ में एक आवेदन-पत्र दिया जिसके अनुसार उसके काका ससुर के पोते से हुवे विवाद की रिपोर्ट लिखवाने वह उसकी ननद ममता के साथ नीमच कोर्ट गई थी। जहाँ पर उसको आरोपी श्यामसिंह मिला जिसको उसकी ननद पहचानती थी। आरोपी ने फरियादीया का आवेदन टाईप करवाकर महिला थाने पर दिलवाया और वह फरियादीया के साथ एस.पी. ऑफिस गया, जहाँ वह अकेला ऑफिस के अंदर गया और बहार आकर फरियादीया से बोला की आपके आवेदन पर कार्यवाही करने के लिये 5000रूपये देना होंगे, जिस पर से फरियादीया ने आरोपी को 5000रू. दिये। इसी प्रकार आगे कार्यवाही किये जाने के नाम पर समय-समय पर आरोपी द्वारा फरियादीया से रूपयों की मांग की गई, जिस पर से फरियादीया द्वारा बैंक से निकालकर व मंगलसुत्र को गिरवी रखकर रूपयों की व्यवस्था की गई, जिसको नगद व फोनपे के माध्यम से कुल 1,52,000रूपयां को आरोपी को दिये गये। इसके बाद भी कोई पुलिस कार्यवाही नहीं होने से फरियादीया द्वारा आरोपी के विरूद्ध कार्यवाहीं किये जाने के लिये आवेदन थाना रतनगढ़ में दिया गया। फरियादीया द्वारा दिये गये आवेदन पर कार्यवाही करते हुवे रतनगढ़ पुलिस द्वारा आरोपी के विरूद्ध एफआईआर पंजीबद्ध की जाकर आरोपी को गिरफ्तार किया गया व आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियोग-पत्र जावद न्यायालय में प्रस्तुत किया गया विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में फरियादीया सहित सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराकर छल किये जाने के अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराते हुवे आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी योगेश कुमार तिवारी, एडीपीओ द्वारा की गई।