आचार्य विश्वरत्न सागर जी महाराज साहब का 18 वर्ष बाद इंदौर शहर में एतिहासिक चातुर्मास प्रवेश, जैन धर्म का मूल है अहिंसा - आचार्य विश्वरत्नसागर सूरी जी ने उक्त उदगार चार्तुमास प्रवेश अवसर पर धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कहे...
आयोजन

विनोद सांवला जीरन हरवार
Updated : July 07, 2025 10:32 PM

इन्दौर। श्री अबुर्द गिरिराज जैन श्वेतांबर तपागच्छ उपाश्रय ट्रस्ट पिपली बाजार इंदौर के तत्वावधान में परम पूज्य आचार्य नवरत्न सागर सूरीश्वर जी महाराज साहब के परोपकारी शिष्य युवा हृदय सम्राट सर्वधर्म दिवाकर आचार्य श्री विश्वरत्न सागर जी महाराज साहब के साथ आचार्य श्री नयचंद्र सागर सुरीश्वर जी महाराज साहब, आचार्य श्री विजय पियूष भद्र सागर सुरीश्वरजी महाराज साहब आचार्य श्री मृदुरत्न सागर जी महाराज साहब आदि मुनि भगवंत एवं साध्वी भगवंत की उपस्थिति में ऐतिहासिक चातुर्मास प्रवेश हुआ जिसमें लगभग 10 हजार से अधिक गुरू भक्त सम्मिलित हुए । चातुर्मास जैन धर्म के अनुयाईयों के लिए अपने जीवन का कल्याण करने का सुनहरा अवसर होता हे जिसमें मौजूद 4 मास जीवन के चार मूल तत्वों के उद्धार के लिए है हमें चाहिये गुरू महाराज तो हमारे आंगन में आ गये प्रवेश हो गया किंतु हमारी प्यास धर्म के प्रति कितनी हमारा उत्तरदायित्व बनता है कि हम उसकों भी समझे उपरोक्त बात ओद्यौगिक राजधानी इन्दौर के नरसिंह वाटिका में चातुर्मास हेतु पधारे जन-जन की आस्था एवं श्रद्धा के केन्द्र महान तपस्वी परम पूज्य आचार्य श्री नवरत्नसागर सूरी जी के परम उपकारी शिष्य महामांगलिक प्रदाता सर्वधर्म दिवाकर आचार्य श्री विश्वरत्नसागर सूरी ने व्यक्त किये आपने आगे कहा कि जैन धर्म का मूल सिद्धांत अहिंसा है संत का दायित्व बनता है कि चातुर्मास में धर्म की गंगा बहाये, जहां संत आते है वहां बंसत अपने आप आ जाता है। मौजूद चारों आचार्यो के द्वारा आम जन को धर्म वाणी से अलकृंत किया गया । मुनि कीर्तिरत्नसागर सूरी ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि इन्दौर नगरी का यह चातुर्मास अपने आप में अद्वितीय है पूज्य गुरूदेव श्री विश्वरत्नसागर सूरी जी ने अपने गुरू परम्परा का निर्वहन करते हुए अनेकों तीर्थो का जीेर्णोद्धार करवाया अनेकों मन्दिरों की प्रतिष्ठाएं एवं दीक्षाएं सम्पन्न कराई हे आप सर्वाधिक लोकप्रिय एवं युवाओं के हित चिंतक संत के रूप में जाने जाते है बस आपकों भी अपनी टीम के साथ गुरूदेव श्री से जुड़ना है ओर धर्म संस्कृति एवं एकता के शंखनाद करना है । धर्म सभा को नगरीय प्रषासन मंत्री श्री कैलाश जी विजयवर्गीय द्वारा भी संबोधित किया गया एवं कहा गया कि धर्म अगर रहेगा तो देश बचेगा इसलिए धर्म को बचाने का जो कार्य है वह आप गुरुओं के हाथ में है युवा पीढ़ी को संगठित कर पूरे भारत में धर्म प्रचार करना आवश्यक है कार्यक्रम में श्री तुलसी सिलावट मंत्री मध्य प्रदेश शासन, इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ,विधायक रमेश मेंदोला,राजेश चेलावत, जावद विधायक ओमप्रकाश सकलेचा, उज्जैन उत्तर विधायक अनिल जैन कालूखेड़ा अतिथि के रूप में उपस्थित रहे आज चातुर्मास प्रवेश के संपूर्ण लाभार्थी श्री मनोहर लाल जी दीपक कुमार जी सुराणा परिवार इंदौर ने लाभ लिया । उपरोक्त जानकारी पुण्य पाल सुराणा, कैलाश नाहर ,ललित सी जैन चातुर्मास संयोजक ने जानकारी देते हुए बताई इस अवसर पर मनीष सुराणा, पारस बोहरा, प्रीतेश औसतवाल, शेखर गेलडा, डाक्टर प्रकाश बागानी, दिलसुख राज कटारिया, विजय मेहता दीपक सुराणा, दीपक जैन, अक्षय कांतिलाल बम, भगवत सिंह नागोरी, यशवंत जैन, सुनील पटवा, सुनील जैन एम बी, नगर अध्यक्ष शैलेंद्र नाहर, मालवा महासंघ अध्यक्ष संतोष मेहता, संयोजक अभय चोपड़ा, राजेश मानव, मालवा महासंघ महासचिव वीरेंद्र जैन, राजेंद्र करणपुरिया, नागेष्वर तीर्थ सचिव धर्मचंद जैन, नवरत्न परिवार राश्ट्रीय अध्यक्ष अरुण चैधरी फुलेरा, राष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड अध्यक्ष राजेश जैन, राष्ट्रीय महासचिव यशवंत सांकला,अमित छिंगावत,मप्र. अध्यक्ष सुनील रायपुरिया,राज. अध्यक्ष संजय ढढ्ढा, मप्र सलाहकार बोर्ड अध्यक्ष अनिल जैन, प्रदेश संयोजक दीपक दुग्गड, अमित जैन उपस्थित रहे । इसके पूर्व पीपली बाजार से भव्याति भव्य वरघोड़ा प्रवेश का जूलुस प्रारम्भ हुआ जिसमें रथ के साथ 80 बसों से मध्यप्रदेश राजस्थान के कोने कोने से हजारों की संख्या में समाज जन उपस्थित हुए जगह जगह गउली बनाकर पूज्य गुरू श्री का स्वागत समाज जनों ने अपने अपने घरों के सामने किया वही सैकड़ों युवान प्रभु एवं गुरू भजनों पर नाचते गाते चल रहे थे। जूलुस जब नरसिंह वाटिका पहुंचा यहां धर्म सभा में परिवर्तित हो गया कार्यक्रम प्रातः काल 9 बजे से दोपहर लगभग 3 बजे तक सतत चलता रहा । कार्यक्रम के पश्चात महावीर बाग में सभी जैन समुदाय के उपस्थित श्रद्धालुओं का स्वामीवात्सल हुआं जिसमें लगभग 10 हजार से ज्यादा गुरु भक्त उपस्थित रहे।