बेटे के जन्मदिन पर विभिन्न प्रजातियों के 70 से भी अधिक पौधे वृहद स्तर पर लगाकर लिया हरियाली का संकल्प, परिजनों के किसी भी सदस्य का जन्मदिन पर केक नहीं काटे और फिजूलखर्ची के बजाए पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण करना है - डॉ.आषीश जैन....
सामाजिक

दशरथ माली चिताखेड़ा
Updated : July 06, 2025 10:50 AM

चीताखेड़ा :- बेटे -बेटियों के जन्म दिवस पर होटलों में अंधाधुंध फिजूलखर्ची करना एक पाश्चात्य संस्कृति परंपरा बनती जा रही है। हम फिजूलखर्ची के बजाए बेटे-बेटियों के जन्मदिन पर फिजूलखर्ची बंद कर गौशाला एवं स्कूलों में मनाना चाहिए इनके जन्म दिवस पर पर्यावरण संरक्षण तथा संवर्धन के लिए पौधारोपण जरूर करें । बीएएमएस डॉ . आशीष कुमार जैन का निर्णय स्वागत योग्य है। इस वर्ष जैसी भीषण गर्मी सभी ने झेली है ,उसे देखते हुए सभी को वृहद स्तर पर पौधारोपण व संरक्षण करना ही होगा। मानसून की इस वर्ष अच्छी शुरुआत के साथ हर और फूलदार एवं फलदार तथा छायादार सहित कई प्रजातियों के 70 से भी अधिक पौधे वृहद स्तर पर शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल परिसर में माता-पिता, दादाजी सपरिवार,प्राचार्य, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा लगाए गए एवं उनकी देखभाल का संकल्प लिया। उक्त बात हायर सेकंडरी स्कूल संकूल प्राचार्य विकास साल्वी ने शनिवार को डाक्टर आशीष कुमार जैन के बेटे के पांचवे जन्मदिन के अवसर पर चीताखेड़ा हायर सेकंडरी स्कूल परिसर में 70 से भी अधिक पौधे पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान उपस्थित ग्रामीणों एवं विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा है कि बस इस पर्व को कामयाब बनाने और पर्यावरण को हरा भरा करने के लिए पौधों की रक्षा की जिम्मेदारी का निर्वहन भी शिद्दत से करना होगा। डॉ. आशीष कुमार जैन ने हर साल बेटे के जन्मदिन पर पौधे लगाने का लक्ष्य रखा। इसकी शुरुआत भूलोक के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर आशीष कुमार जैन चीताखेड़ा द्वारा की गई है। चीताखेड़ा में यह पहला मौका है जब बेटे के जन्मदिन के अवसर पर फिजूलखर्ची करने के बजाए पौधे देने के साथ ही उन्हें विभिन्न प्रजातियों के फूल व फलदार इन पौधों को पेड़ बनाने के लिए संकल्प भी दिलाया गया।हायर सेकंडरी स्कूल परिसर में पौधे लगाए गए जिनमें मुख्य रूप से आम के ,नींबू , संतरा , जामुन ,आंवला ,नीम,शिषम,अनार , करंज , बरगद , पीपल , महुआ आदि पौधे लगाए गए हैं। प्राचार्य द्वारा इन पौधों की रक्षार्थ हेतु चारों तरफ तार फेंसिंग की जाएगी पेड़ पौधों से पर्यावरण संतुलित रहता है इसलिए सभी ने पौधों को लगाने की मूहिम में एक जुट होकर सहभागिता निभाई है। प्राचार्य ने कहा कि ने कहा है कि पर्यावरण हरा भरा रह सके तथा हमारी भावी पीढ़ी को स्वस्थ व स्वच्छ वातावरण उपलब्ध हो सके। इसके लिए सभी ने पौधारोपण व पर्यावरण संरक्षण के प्रति उत्साह दिखाया। हमने भी हर परिवार को पौधारोपण के लिए प्रेरित करने को यह संकल्प लिया है डॉ आशीष कुमार जैन ने कहा कि वृक्ष परमात्मा की करुणा की साकार अभिव्यक्ति है। प्राणियों के जीवन रक्षक और परमात्मा की पारमार्थिक सत्ता के संवाहक वृक्ष धरा के प्रत्यक्ष देवता हैं। पेड़ों का संरक्षण करना हमारी संस्कृति है, पेड़ काटना हमारी संस्कृति नहीं है। मानव के जीवन के साथ भी और मृत्यु के बाद भी पौधे वृक्षों का आकार लेकर यादों को स्थायित्व प्रदान करते हैं। श्री जैन ने कहा कि पूरे क्षेत्र में बच्चों के जन्मदिन के अवसर पर अभियान चलायें जाने की जरूरत है। पौधारोपण करना फोटो खिंचवाना और इति श्री कर लेने से पर्यावरण नहीं सुधरेगा। हम सभी युवा साथी पौधारोपण के साथ-साथ वृक्षों की रक्षा का भी संकल्प ले रहे हैं। डॉ आशीष कुमार जैन ने बताया कि मेरे बेटे का जन्म कोरोना काल में हुआ था जिस समय आक्सीजन का बहुत आवश्यकता थी आक्सीजन की मायना रखती है इसी से प्रेरणा लेकर अपने लाडले के प्रत्येक जन्म दिवस पर पौधारोपण करुंगा। तब से हर वर्ष बेटे के जन्मदिन पर पौधारोपण करते रहे हैं। पांच वर्षीय बेटे ध्रुव जैन के जन्म दिवस के अवसर पर विगत चार सालों से पाश्चात्य संस्कृति के आधार पर जन्म दिवस मनाने के बजाए पौधा रोपण कार्य करते आ रहे हैं। इस अवसर पर मुख्य रूप से संकूल प्राचार्य विकास साल्वी, शिक्षक अरविंद परिहार, डॉ. दिनेश राणावत, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य देवीलाल जैन, डॉ आशीष कुमार जैन, पूर्व उप-सरपंच रतनलाल माली, पंच कारुलाल माली, हर्षित सोनी, योगेश पाटीदार, यशवंत माली, ध्रुव जैन की भुआ शुभ्रा, बड़े भाई प्रक्षाल बड़ी दीदी माही सपना सहित अन्य वरिष्ठजन मौजूद थे।