संयम के छोटे से नियम से भी आत्मा का कल्याण हो सकता है - सौम्या दर्शना श्री जी महाराज साहब, महावीर जिनालय विकास नगर में चातुर्मास धर्म श्रृंखला प्रवाहित....
धार्मिक

अर्जुन जयसवाल नीमच
Updated : July 09, 2025 06:17 PM

नीमच :- संयम भक्ति तपस्या में छोटे से छोटे नियम का पालन करने से भी आत्मा का कल्याण हो सकता है। संकल्प लेकर यदि कोई तपस्या भक्ति की जाती है तो उसका पुण्य लाभ मिलता है। बिना संकल्प के संसार सागर के भव से पार नहीं उतर सकते हैं। यदि नदी में किनारों का बंधन नहीं हो तो विकास करने वाला जल भी विनाश का कारण बन सकता है।यह बात साध्वी सौम्या दर्शना श्री जी महाराज साहब ने कहीं। वे श्री जैन श्वेतांबर महावीर जिनालय ट्रस्ट एवं चातुर्मास समिति विकास नगर के तत्वाधान में आयोजित धर्म सभा में बोल रहे थी। उन्होंने कहा कि लोकोत्तर धर्म का पालन किए बिना आत्म कल्याण नहीं होता है। हम पाप नहीं करने का संकल्प ले तो हमारे जीवन में पुण्य बढ़ सकता है। यदि हमने किसी चोर को चोरी का पाप करते हुए पकड़ लिया तो उसे चोरी का पाप कर्म त्याग करने की शिक्षा प्रदान करें।तो वह सुधर सकता है। पाप से दुख और पुण्य से सुख मिलता है यह हर धर्म कहता है फिर भी हम पाप कर्म का त्याग नहीं करते हैं चिंतन का विषय है। संयम जीवन में नियम सुरक्षा कवच है बंधन नहीं होते हैं। नियम टूट जाए तो प्रायश्चित कर सकते हैं। संकल्प रागी को भी वैरागी बन सकता है। हमें स्वयं पाप कर्म नहीं करने का संकल्प लेना चाहिए तभी हमारे आत्मा का कल्याण हो सकता है। रात्रि भोजन , जमीं कंद का त्याग व सामायिक का संकल्प भी लेना चाहिए तो हमारे जीवन का कल्याण हो सकता है। यदि हम सामाजिक लोक मर्यादा में रहे तो पाप के विचार आए तो भी वाणी की मर्यादा को याद रखना चाहिए और पाप से बचना चाहिए मन वचन काया से भी यदि हम संयम नियम का पालन करते हुए पाप नहीं करने का संकल्प ले तो व्यापार में भी बिना पाप के भी हम व्यापार कर सकते हैं। पशु पक्षियों से खेत की बाढ़ से फसल की रक्षा होती है उसी प्रकार संसार के जीवन में संयम नियम की बाड़ पाप कर्मों के प्रवेश को रोकती हैं। यदि हम संकल्प पूर्वक 1 घंटे तक सामयिक करते हैं तो 1 घंटे तक हम पाप करने से बचते हैं उस 1 घंटे के दौरान हम झूठ नहीं बोलते हैं, मोबाइल का उपयोग नहीं करते हैं और व्यापार में जो पाप कर्म होता है वह भी हमसे नहीं होता है इस प्रकार हम सामायिक करने से अनेक पाप कर्मों से बच सकते हैं।चातुर्मास के 4 महीनों में हमें बाजार की बनी खाद्य वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए तो हम पाप कर्म से बच सकते हैं। चातुर्मास के दौरान हमें गर्म पानी का उपयोग करना चाहिए और सुख मेंवे व पत्ते का त्याग करना चाहिए तभी हमारे जीवन का कल्याण हो सकता है।
गुरु पूर्णिमा उत्सव आज मनाया जाएगा - गुरु पूर्णिमा का उत्सव आज गुरुवार सुबह 9 बजे गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु भक्ति के लिए घी का दीपक जलाकर गुरु पूजन किया जाएगा। गुरु हमें संसार से पार जाने का मार्ग दिखाते हैं। सौम्या दर्शना श्री जी महाराज साहब के प्रतिदिन प्रवचन सुबह 9 बजे आराधना भवन में प्रवाहित होंगे। गुरु पूर्णिमा पर्व आज विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के साथ मनाया जाएगा।
गुरु पूर्णिमा उत्सव आज मनाया जाएगा - गुरु पूर्णिमा का उत्सव आज गुरुवार सुबह 9 बजे गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु भक्ति के लिए घी का दीपक जलाकर गुरु पूजन किया जाएगा। गुरु हमें संसार से पार जाने का मार्ग दिखाते हैं। सौम्या दर्शना श्री जी महाराज साहब के प्रतिदिन प्रवचन सुबह 9 बजे आराधना भवन में प्रवाहित होंगे। गुरु पूर्णिमा पर्व आज विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के साथ मनाया जाएगा।