सांदीपनि स्कूल की 32 बसें बंद, बच्चों को ट्रैक्टर से पहुंचाय स्कूल बस संचालकों का 40 लाख से ज्यादा बकाया, बिना सूचना के बस हड़ताल होने के कारण अभिभावकों में सरकार के प्रति आक्रोश फैला....
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रामेश्वर नागदा नीमच
Updated : July 12, 2025 09:34 AM

नीमच। जिले में सांदीपनि स्कूलों के लिए चल रही 32 बसों का संचालन शुक्रवार से बंद हो गया। बस मालिकों को 55 दिन से 40 लाख रुपए से ज्यादा का भुगतान नहीं हुआ। इससे परेशान होकर उन्होंने बसें खड़ी कर दीं। शुक्रवार को करीब 32 बसों का संचालन पूरी तरह बंद रहा। इससे हजारों बच्चों और उनके परिजनों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। कई बच्चे 10 से 20 किलोमीटर दूर से स्कूल आते हैं। संसाधनों के अभाव में परिजन बच्चों को ट्रैक्टर में बैठाकर स्कूल छोड़ने और लाने लगे हैं बस मालिकों ने मंगलवार को कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को दो दिन का अल्टीमेटम दिया था। तय समय पर भुगतान नहीं हुआ। इसके बाद शुक्रवार को नीमच सहित प्रदेश के कई हिस्सों में सीएम राइज स्कूलों से अनुबंधित बसों का संचालन रोक दिया गया। नीमच जिले में 32 बसें चलती हैं। एक बस का मासिक भाड़ा 47 हजार रुपए है। डीजल पर औसतन 25 हजार रुपए खर्च होता है। ड्राइवर और अटेंडर पर 18 से 19 हजार रुपए का खर्च आता है। दो महीने से भुगतान नहीं हुआ। सिर्फ भाड़ा और डीजल जोड़ें तो 40 लाख रुपए से ज्यादा बकाया है। बसें फाइनेंस पर खरीदी गई हैं। किस्तें जेब से भरनी पड़ रही हैं। इसके बावजूद शासन से कोई समाधान नहीं मिला शुक्रवार को प्रधान डाकघर के बाहर एक ग्रामीण ट्रैक्टर में अपने और पड़ोसी के बच्चों को स्कूल से घर ले जाता दिखा। अचानक बसें बंद होने से ग्रामीण इलाकों के बच्चों और उनके परिजनों को भारी दिक्कत हो रही है।बस संचालक यश बंसल ने बताया कि प्रदेशभर के सांदिपनी स्कूलों में भोपाल की समाया स्कूल बस ट्रांसपोर्टेशन कंपनी के जरिए एक फरवरी से बस सेवा शुरू हुई थी। कंपनी की मालिकों की धोखाधड़ी के आरोपों में जेल में है। दो महीने से बस मालिकों, ड्राइवरों और अटेंडरों को भुगतान नहीं हुआ।बस मालिकों ने कहा कि भुगतान नहीं मिला तो नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की थी। दो दिन के अल्टीमेटम के बाद भी कोई आश्वासन नहीं मिला। मजबूरी में बसें बंद करनी पड़ीं। जिला शिक्षा अधिकारी एसएम मांगरिया ने कहा कि बस संचालकों की समस्या उच्च स्तर पर भेज दी गई है। इसमें हस्तक्षेप करना हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित नहीं हुई है। बस मालिकों को भुगतान रुकने का डर सता रहा है।विद्यालय के अभिभावकों का मोबाइल पर ग्रुप बना होने के बावजूद भी विद्यालय की ओर से किसी भी प्रकार की कोई सूचना प्रदान नहीं की गई है इस कारण माता-पिता को अनेक परेशानी का सामना करना पड़ा विद्यालय प्रशासन द्वारा शायद बच्चों को कहा गया होगा इस प्रकार की लापरवाही आगे नहीं हो इस बात का ध्यान रखा जाए अचानक हड़ताल होने से अभिभावकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा परिवार की लड़कियों को अकेला नहीं छोड़ सकते इसलिए आना जाना पड़ा है - ग्रामीण क्षेत्र का अभिभावक दिनेश नागदा, बिजलवास कला,