कोकिलकंठी पद्मश्री दिवाली बेन भील की मूर्ति जुनागढ़ में स्थापित करके इतिहास रचेंगे हार्दिक हुंडिया....
सामाजिक

विनोद सांवला जीरन हरवार
Updated : March 14, 2025 08:05 AM

गुजरात में दिवाली बेन भील का नाम घर घर में इसलिये गूंजता है की गुजरात के साथ साथ देश विदेश में बसते गुजरातीओं के घर में पद्मश्री दिवाली बेन भील के गाने गुंजते है। विश्व में कहीं भी गरबा हो तो दिवाली बेन भील का सुप्रसिद्ध गुजराती गाना मारे तोड़ले बैठो रे मोर क्या बोले गाना बजना ही बजना है यह बात कहते हुवे मुंबई के हीरा माणेक ग्रुप के हार्दिक हुंडिया ने कहा की मुजे़ यह मूर्ति जूनागढ़ में बिराजित करते हुए बहुत आनंद और गौरव हो रहा है । हार्दिक हुंडिया ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी के माताजी हीरा बाँ का गांधीनगर में सम्मान करने के बाद हम जूनागढ़ में माँ दिवाली बेन के घर जाकर के उनका भी मातृ सम्मान किया था। माँ दिवाली बेन साक्षात प्रेम, आदर और सत्कार का ख़ज़ाना है। हार्दिक हुंडिया ने कहा की माँ सबरी जैसी अनमोल प्रतिभा है दिवाली बेन भील। मेरा भी बहुत ही प्रिय गीत है मारे तोड़ले बैठो रे मोर , जो मुजे दिवाली बेन भील ने सुनाया था , जो शायद उन्होंने उनकी जिंदगी में अंतिम बार मुजे सुनाया था। देश के भूतपूर्व प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने भी दिवाली बेन की बहुत तारीफ़ की थी उन्होंने कहा था की दिवाली बेन देश विदेश जहां पर भी हो हमेंशा सिर पर पल्लू रखते थे वो उनको बहुत अच्छा लगा था। दिवाली बेन की मूर्ति , जैन और अजैन भगवानों की मूर्ति बनाने वाले चंद्र प्रकाश जैन के मार्गदर्शन में बन रही है। मूर्तिकार चंद्रप्रकाश ने कहा की दिवाली बेन भील देश के बहुत बड़े कलाकार है , मुजे हार्दिक भाई हुंडिया ने यह मूर्ति बनाने का मौक़ा दिया वो मेरे लिए बहुत ही गौरव की बात है, आज तो यह पहला मूर्ति रूप है आगे आगे देखो होता है क्या है! कमलेश लुंकड़ ने बताया कि जूनागढ़ तीर्थ की भूमि है।यहां सभी जाति के लोग मान सम्मान पाकर धन्य हो जाते है। आने वाले समय में जैनों के २४ तीर्थंकर इस भूमि से मोक्ष प्राप्त करेंगे, इस पवित्र भूमि पर भारतीय संस्कृति में इतिहास बनाने वाली आदरणीय दीवाली बेन भील की मूर्ति स्थापित हो जाना भी गुजरात में एक इतिहास बन जाएगा। इस का पुरा श्रेय हार्दिक हुंडिया को जाता है। हार्दिक हुंडिया ने कहा में जूनागढ़ के मेयर और म्यूनिसीपालटी का भी दिल से आभार मानता हूं, आदरणीय दिवाली बेन भील का सम्मान करने का मौक़ा देने के लिये उनके परिवार का भी उपकार कभी नहीं भूलूँगा।