खुदरा उर्वरक विक्रेताओं प्रशिक्षणार्थियों को समझाया मृदा नमूना लेने की विधि व मृदा स्वास्थ्य कार्ड का महत्व....
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बंशीलाल धाकड़ राजपुरा
Updated : May 14, 2025 04:53 PM

चित्तौड़गढ़ :- कृषि विज्ञान केन्द्र, द्वारा खुदरा उर्वरक विक्रेताओ प्रशिक्षणार्थियों को समझाया मृदा नमूना लेने की तकनीकी प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को डॉ. रतन लाल सोलंकी, (मृदा वैज्ञानिक), वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केन्द्र, चित्तौड़गढ ने बताया कि किसानो के खेत की सेहत की जांच अर्थात मृदा जांच हेतु युवा कृषक प्रशिक्षणार्थियों को वैज्ञानिक ढ़ग से खेत से मिटटी का नमूना लेने की तरीका, नमूना लेने की गहराई, नमूना को तैयार करने का तरीका प्रायोगिक रूप से सिखाया तथा तैयार नमूने को पॉलीथीन में भरकर उसमें लेबल जिसमें किसान की सम्पूर्ण जानकारी लिखी हुई हो। मिटटी नमूना को जांच हेतु मिटटी एवं जल परीक्षण प्रयोगशाला में भेजना तथा प्रयोगशाला से प्राप्त रिपोर्ट जिससे मृदा स्वास्थ्य कार्ड के महत्व को समझाया। श्री विक्रम सिंह बिटू, कृषि अनुसंधान अधिकारी (रसायन) कृषि विभाग ने मिटटी परीक्षण के बारे में एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड के विभिन्न पेरामिटर्स एवं मिटटी जांच के आधार पर फसलो में संतुलित खाद एवं उर्वरक सिफारिश एवं भूमि सुधार हेतु जिप्सम एवं हरी खाद का प्रयोग का तरीका बताया। मिटटी नमूना परीक्षण हेतु प्रयोगशाला में भेजने की प्रक्रिया समझाई साथ ही युवको को मिटटी परीक्षण प्रयोगशाला में मिटटी जांच का महत्व एवं जांच करने का तरीका समझाया। साथ ही युवको एवं किसानो को आव्हान किया कि किसान फसल की बुवाई से पहले अपने खेत की मिटटी के स्वास्थ्य की जांच कराये। एवं मिटटी परीक्षण के आधार पर संतुलित मात्रा में फसलो में खाद एवं उर्वरको का प्रयोग कर अधिक उत्पादन लेवे, तथा खेती में लागत को कम करें।