भोलियावास में 15 दिन से बंद पड़ी है स्ट्रीट लाइटें, अंधेरे से ग्रामीण परेशान, भाजपा सरकार के तमाम दावे यहां हो रहे हैं फेल - श्री धाकड़...
सामाजिक

रामेश्वर नागदा नीमच
Updated : July 13, 2025 09:59 PM

नीमच। समीपस्थ ग्राम भोलियावास में बीते 15 दिनों से सभी स्ट्रीट लाइटे बंद पड़ी हुई है, जिससे ग्रामीणों को इस बारिश के मौसम में हर रात्रि भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बताया गया है कि इस समस्या की जानकारी पीड़ित ग्रामीणों द्वारा ग्राम पंचायत बरूखेड़ा के जिम्मेदारों को दी जा चुकी है, लेकिन फिर भी कोई भी इस समस्या का समाधान करना उचित नहीं समझ रहा है। गांव के जागरूक रहवासी एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पन्नालाल धाकड़ ने बताया कि नीमच शहर की सीमा से मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थित इस गांव की स्थानीय प्रशासन द्वारा घोर अनदेखी की जा रही है। गांव में पहुंचने वाला मुख्य मार्ग विगत कई वर्षों से पक्की सड़क बनने का इंतजार कर रहा है। पूरा मार्ग कच्चा होने के कारण इन दिनों थोड़ी बहुत बारिश होने पर ही पूरा रास्ता भयंकर कीचड़ से सराबोर हो रहा है। ऐसे में रात्रि के समय बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटे ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। मुख्य मार्ग से लेकर गांव की विभिन्न गली- मोहल्लो एवं कच्चे रास्ते पर लगी स्ट्रीट लाइटें किसी कारणवश कई दिनों से बंद पड़ी हुई है। जिसे दुरुस्त करने के लिए ना तो ग्राम पंचायत ने कोई ध्यान दिया है और नाहीं जिला प्रशासन इस और झांकना उचित समझा रहा है। गांव में शासकीय विद्यालय एवं शासकीय कन्या छात्रावास भवन के पीछे विद्युत केबल काफी नीचे झूल रही है, जो इस बारिश के मौसम में कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। श्री धाकड ने कहां की भले ही यह गांव शहर की सीमा से सटा हुआ है लेकिन जिला प्रशासन और तमाम जनप्रतिनिधि यहां अब तक ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पाए हैं। एक और जहां प्रदेश और केंद्र में काबीज भाजपा सरकार प्रत्येक जिले के दुरदराज क्षेत्र में स्थित मजरा- टोला को पक्की सड़क से जोड़ने एवं वहां तमाम सुविधा मुहैया कराने की बात कर रही है, वहीं ऐसे में शहर के नजदीक स्थित इस गांव की हालत इतनी खराब होना सरकार के तमाम दावों की पोल खोल रहा है। भोलियावास मे विभिन्न समस्याओं के बीच निवासरत परिवार नारकीय जीवन जीने को मजबूर है,और क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी सभी कुछ जानकार भी अंजान बने बैठे हैं।