विद्यार्थियों के खेल हुनर को निखारते है शारीरिक शिक्षक - सीडीईओ शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा के शारीरिक शिक्षकों की दो दिवसीय वाकपीठ का हुआ समापन....
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बंशीलाल धाकड़ राजपुरा
Updated : August 08, 2025 07:22 PM

बेगूं। शारीरिक शिक्षक विद्यार्थियों के खेल हुनर को निखारते हैं। शारीरिक शिक्षक विद्यार्थी में छिपे खेल हुनर को पहचान कर उसे आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते है। यह बात प्रारंभिक शिक्षा के शारीरिक शिक्षकों की दो दिवसीय जिला स्तरीय वाकपीठ में समापन समारोह के मुख्य अतिथि मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. महावीर कुमार शर्मा ने बनोड़ा बालाजी मन्दिर में कही। सीडीईओ डॉ. शर्मा ने सभी शारीरिक शिक्षक - शिक्षिकाओं को अपने कार्य के प्रति सजग रहने के लिए प्रेरित किया। सीडीईओ डॉ. शर्मा ने कहा कि अनुशासन का दूसरा नाम ही खेल है। बिना अनुशासन के किसी खेल को खेला नहीं जा सकता, ठीक उसी तरह जीवन को भी बिना अनुशासन के जिया नहीं जा सकता है। सीडीईओ डॉ. महावीर कुमार शर्मा ने ध्यान का जीवन में महत्व बताते हुए कहा कि नियमित ध्यान करने से हमारे भीतर समाई असीम ज्ञान शक्ति को जागृत हो जाती है। ध्यान से जागृत हमारे अच्छे ज्ञान को विद्यार्थियों व समाज की भलाई में इसका उपयोग किया जाना चाहिए। इस दौरान सभी शारीरिक शिक्षक - शिक्षिकाओं को हार्टफुलनेस ध्यान विधि से 5 मिनट के लिए ध्यान भी कराया। सीडीईओ डॉ. शर्मा ने विद्यार्थियों को भी प्रतिदिन 5 मिनिट ध्यान के लिए प्रेरित करने की सलाह दी। जिससे उनका भी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास और भी अच्छा हो सकें। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला शिक्षा अधिकारी (प्रा.शि.) राजेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि शारीरिक शिक्षक अनुशासन का प्रहरी होता है। गंगरार व बेगूं के स्कूलों की घटना से आहत जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र कुमार शर्मा ने निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी स्कूल में ऐसी कोई गतिविधि जो शिक्षक समाज की मर्यादा को कम कर सकती है। ऐसी गतिविधि जैसे ही संस्था प्रधान, शिक्षक व शारीरिक शिक्षक की जानकारी में आती है, तो उसे नजरअंदाज करने की बजाय, उसे तत्काल संबंधित अधिकारियों को अगवत करायें। सभी शारीरिक शिक्षकों को जिला शिक्षा अधिकारी ने इस सत्र में जिले में होने वाली जिला, राज्य व नेशनल खेल प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों के आवास व भोजन को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश भी दिये। विशिष्ट अतिथि आरपी ओम प्रकाश पालीवाल, प्रधानाचार्य राजकुमार शर्मा, पूर्व वाकपीठ जिला अध्यक्ष सुरेश चंद्र शर्मा थे। संगोष्ठी में जिला शिक्षा अधिकारी (प्राशि) राजेंद्र कुमार शर्मा ने शारीरिक शिक्षक कैलाश चन्द्र मालू को खेलों के विकास में समर्पित सेवाएं देने पर सम्मानित किया। संगोष्ठी में दूसरे दिन सुबह के सत्र में शारीरिक शिक्षिका प्रतिभा ने योग व प्राणायाम के साथ एक्यूप्रेशर चिकित्सा का अभ्यास कराया। वाकपीठ के दूसरे दिन कई खेल विशेषज्ञों ने विभिन्न खेलों पर अपनी प्रभावी वार्ताएं दी। वार्ता के बीच में नवीनतम खेल नियमों को साझा किया गया। समारोह में कार्यक्रम का संचालन कर रहे पारस टेलर ने मधूर आवाज में बम - बम बोले भजन सुना कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। वाकपीठ के जिलाध्यक्ष तिलकेश आचार्य जिले में होने वाली खेल प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को अपनी ओर से नकद पारितोषिक देने की भी घोषणा की। जिस पर सदन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। समारोह के आरंभ में सभी अतिथियों का बेगूं उपखंड के सभी शारीरिक शिक्षकों ने भेरूलाल लक्षकार व चन्द्र कला चौधरी के नेतृत्व में स्वागत किया। समारोह के अंत में आभार प्रारंभिक शिक्षा खेलकूद अनुभाग के जिला प्रभारी जगदीश चन्द्र खटीक ने व्यक्त किया। समारोह का संचालन वाकपीठ सचिव पारस टेलर ने किया।