धर्म संस्कार के बिना आत्म कल्याण का मार्ग नहीं मिलता है।, साध्वी सौम्या प्रभा जी आदि ठाना 4 की महावीर जिनालय विकास नगर में चातुर्मास धर्म श्रृंखला प्रवाहित....
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अर्जुन जयसवाल नीमच
Updated : July 14, 2025 08:09 PM

नीमच :- माता-पिता जिन धार्मिक संस्कारों का पालन करते हैं बच्चे देखकर जल्दी सीखते हैं इसलिए सभी माता-पिता को धार्मिक संस्कारों का पालन करना चाहिए। धर्म संस्कार के बिना बच्चों का सर्वांगीण विकास नहीं हो सकता है। धर्म संस्कारों के पालन बिना आत्मा का कल्याण नहीं होता है।यह बात साध्वी सौम्या दर्शना श्री जी महाराज साहब ने कहीं। श्री जैन श्वेतांबर महावीर जिनालय ट्रस्ट एवं चातुर्मास समिति विकास नगर चातुर्मास में आयोजित धर्म सभा में बोल रही थे। उन्होंने कहा कि हम बच्चों को तकनीकी शिक्षा प्रदान कर डॉक्टर इंजीनियर वकील तो बना रहे हैं लेकिन संसार में पैसा ही सब कुछ नहीं होता है धर्म संस्कारों के बिना संतान माता-पिता से दूर हो जाती है। धार्मिक संस्कार प्रबल होंगे तो संतान माता-पिता का आदर करेगी और उनकी आज्ञा का पालन करेगी। बच्चों को बचपन से ही धार्मिक और ऐतिहासिक कहानी सुनना चाहिए ताकि बच्चों में संस्कार बचपन से ही सिख जाए और बच्चे धार्मिक कार्यक्रमों से जुड़ते रहे। रविवार को आयोजित धार्मिक पाठशाला में बच्चों को संस्कार का अध्ययन करने के लिए आवश्यक भेजना चाहिए तभी वह धर्म का पालन कर सकेंगे। माता-पिता से दूर हो जाती है। धार्मिक संस्कार प्रबल होंगे तो संतान माता-पिता का आदर करेगी और उनकी आज्ञा का पालन करेगी। बच्चों को बचपन से ही धार्मिक और ऐतिहासिक कहानी सुनना चाहिए ताकि बच्चों में संस्कार बचपन से ही सिख जाए और बच्चे धार्मिक कार्यक्रमों से जुड़ते रहे। रविवार को आयोजित धार्मिक पाठशाला में बच्चों को संस्कार का अध्ययन करने के लिए आवश्यक भेजना चाहिए तभी वह धर्म का पालन कर सकेंगे।